भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति ( महिला प्रकोष्ठ ’’सम्बल’’ )
ममतामयी,स्नेहमयी नारी बिना समाज की कल्पना ही नहीं की जा सकती । उस समाज निर्मात्री नारी के चेहरे में प्रसन्नता की लहर देखने हेतु सागर में से बिन्दु सदृश्य कुछेक बहिनों के आंसुओं को किंचित पोंछने का प्रयास सम्बल संस्था ने किया है । जिसकी विकास यात्रा प्रगति के सोपान की पुकार से परिपूर्ण अतीत से गुजरतेे हुए गौरवपूर्ण रजतमय वर्तमान यौवन में प्रवेश कर भविष्य की महत्वाकांक्षी योजनाओं को स्वर्णिम करने का स्वप्न संजोए हुए हेै । जीवन वस्तुतः अतीत की सीख,भविष्य की खोज के बीच वर्तमान का सुनहरा पल है ।
संस्थान की 25 वर्षो की रजत यात्रा को अति स्मरणीय बनाने हेत अनुदानदाता एवं गैर सरकारी साथियों,कार्यकर्ताओं तथा आदरणीय सुशीलाजी की सकारात्मक,सृजनात्मक उत्साह एवं उमंग से भरी उर्जापूर्ण गतिविधियों का प्रवाह पल्लवित संदेशों,चित्रों के माध्यम से जन-जन तक पहुचाने का प्रयास इस रजत जयन्ती स्मारिका ’’उडान’’ में किया गया है । इस अवसर पर मैं उन सभी सुज्ञ पाठाको,विज्ञापनदाताओं तथा विशेषकर उन भामाशाहो को धन्यवाद देना चाहूगी जिनके कारण सम्बल संस्थान इस मुकाम पर पहुचा है । मैं एवरग्रीन प्रिण्टर्स को भी आभार प्रकट करना चाहूगी जिन्होने इसे सुन्दर कलेवर प्रदान किया है । आशा है आपको यह अवश्य पसन्द आएगी ।