श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (महिला प्रकोष्ठ) ‘सम्बल’ जोधपुर

सम्बल में आपका स्वागत है - महिलाओं के जीवन को सरल, सशक्त और स्वाभीमानयुक्त बनाना

1975 से, श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति, जयपुर, पूरे भारत और विदेशों में विकलांग व्यक्तियों के लिए आशा की किरण रही है। 1989 में स्थापित इसकी महिला शाखा, सम्बल, आत्मनिर्भरता और सम्मान को बढ़ावा देकर हाशिए पर रहने वाली महिलाओं - विशेष रूप से विधवा, परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाओं के उत्थान के लिए समर्पित है।

स्व-रोजगार के माध्यम से 27 महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ शुरुआत करने वाला सम्बल दयालु दानदाताओं के सहयोग से विकसित हुआ है, जिसमें दशरथमल सिंघवी परिवार से उदार भवन दान भी शामिल है। हमारे कार्यक्रम ग्रामीण और जरूतरमंद समुदायों में आर्थिक सहायता, कौशल प्रशिक्षण (कम्प्यूटर, सिलाई, ब्यूटी पार्लर, मेहंदी), शिक्षा और स्वास्थ्य पहल प्रदान करते हैं। हम दिव्यांगों को सहायक उपकरण देकर भी सहायता करते हैं और सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए भी काम करते हैं।

महिलाओं और जरूरतमंद समुदायों के लिए उज्जवल भविष्य बनाने के हमारे मिशन में हमसे जुड़ें। हमारे काम का अन्वेषण करें, शामिल हों और इस परिवर्तनकारी यात्रा का हिस्सा बनें।

‘सम्बल’ का नाम इस भावना को दर्शाता है कि यह संस्था बेसहारों का सहारा बने और महिलाओं को शिक्षा, स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता के माध्यम से जीविकोपार्जन का सम्बल प्रदान करे। हमारा लक्ष्य है दूर-दराज की महिलाओं के जीवन में खुशहाली लाना और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाना।

‘सम्बल’ का लक्ष्य है महिलाओं को आत्मनिर्भर, शिक्षित और सशक्त बनाकर समाज में उनकी स्थिति को सुदृढ़ करना।

आइए, हमारे इस प्रयास में शामिल हों और आत्मनिर्भरता की इस यात्रा का हिस्सा बनें।

मिशन:

  • आर्थिक सशक्तिकरण: जरूरतमंद महिलाओं को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना और उनके कार्यों का मार्गदर्शन व पुनरावलोकन करना।
  • कौशल विकास: महिलाओं की कार्यक्षमता बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना, जिसमें कम्प्यूटर, सिलाई, ब्यूटी पार्लर और मेंहदी प्रशिक्षण शामिल हैं।
  • शिक्षा: महिलाओं और बालिकाओं के लिए अनौपचारिक शिक्षा केंद्र खोलना।
  • सामाजिक सहायता: उत्पीड़ित महिलाओं को आवश्यक सहायता और दिव्यांगों के लिए सर्वेक्षण एवं सहायता उपकरण शिविर आयोजित करना।
  • स्वास्थ्य और स्वच्छता: जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुधार और शुद्ध जल व्यवस्था में योगदान देना।
  • सामाजिक जागरूकता: सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए महिलाओं को प्रेरित करना।
  • वित्तीय समावेशन: बचत और साख समूहों का गठन कर उनकी आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देना।
  • समग्र कल्याण: महिलाओं के कल्याण से संबंधित सभी कार्यों को समर्पित रूप से संपादित करना।

साल

35

छात्र संख्या

5000

स्टाफ संख्या

30

उपलब्धियां

1000
संपर्क में रहो