कैसे पहुचे गांवों तक.........
महिलाओं को स्वयं अपने पैरो पर खडा होने तथा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से संस्था द्वारा स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाता हेै। इसमें हिन्दु,मुस्लिम,सिख,जैन सभी महिलाओं को मुक्त हस्त से बिना किसी भेदभाव से महिलाओं की योग्यता,क्षमता तथा स्थिति-परिस्थिति को देखकर इच्छानुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाता हेै । अब तक 6000 से अधिक महिलाओं को सम्मान पूर्वक समारोह आयोजित कर दानदाता की उपस्थिति में रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है । इससे आर्थिक सहयोग करने वाले दानदाता को भी संतुष्टि एवं आनन्द की अनुभूति होती है। यह कार्यक्रम जोधपुर में ही नहीं बाडमेर,रामदेवरा,भीलवाडा तथा दिल्ली में तो तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री चन्द्र शेखर की उपस्थिति में उनके कर कमलो से 81 महिलाओं को सिलाई मशीन,मणिहारी,कपडे,जनरल स्टोर आदि प्रदान कर लाभान्वित किया गया ।
अब झालावाड के अभावग्रस्त गावों में भी यह कार्यक्रम किया जायेगा । संस्था कोटा-झालावाड,जयपुर,सीकर,जोधपुर,पाली,अजमेर एवं जैसलमेर में भी गांवों के गरीब तबको तक पानी पहुचाने का भी कार्य कर रहे हेै । अतएव उपयुक्त महिलाओं का चयन कर अलग-अलग जिलों में भी यह रोजगार मेला लगाया जा सकता है ।
हमारा उद्देश्य है कि जरूरतमंद महिलाये आर्थिक दृष्टि से स्वावलम्बी तथा सक्षम बन जाये जिससे वे अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें तथा अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा,स्वास्थ्य,आवास,पानी जैसी मूलभूत सुविधाये उपलब्ध करा सकें एवं स्वाभिमान के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकें । प्रारम्भ के वर्षो में आज की अपेक्षा महंगाई बहुत ही कम थी अतएव महिलाओं को छोटे छोटे अनुदान दिये जाते थे । 7000 से अधिक अनुदान नहीं दिया जाता था लेकिन अब महंगाई को देखते हुए 4000 से 25000-30000/- हजार तक उपकरण,साधन,सामग्री,मशीनरी,लेपटाप तथा कम्प्युटर आदि महिलाओं की क्षमताओं को देखकर प्रदान किये जाते हेै ।