EDITORIAL DESK

SECRETARY !

सचिव की कलम से.....

हमने संस्था का नाम ’’सम्बल’’ इसलिये भी रखा कि यह बेसहारों का सहारा बन सके एवं उनके जीविकोपार्जन का सम्बल बन जीवन में खुशहाली ला सके । जोधपुर और बाडमेर दोनो जिलो का कार्यभार होने के कारण मुझे गांवों में जाने के बहुत अवसर मिले । वहा चार दीवारी में बंद आर्थिक स्थिति से जूझती हुई तथा शिक्षा एवं स्वास्थय के प्रति उपेक्षित महिलाओं को देखती तो कुछ कर गुजरने की टीस उठती । सम्बल ने ऐसा अवसर दिया कि हम अपनी बहिनों के लिये कुछ कर सकें ।

पहले यह संस्था एक छोटे से किराए के भवन से प्रारम्भ हुई,तत्पश्चात संस्था की गतिविधियों से प्रभावित हो स्व.दशरथमल जी साहिब सिंघवी के परिवार ने हाथीराम ओडे में स्थित अपने सुन्दर भवन को एक समाहरोह में संस्था को सहर्ष दान स्वरूप भेट कर दिया । आज के इस अर्थप्रधान युग में अपना निजी रहवासीय भवन किसी स्वयंसेवी संस्था को भंेट करना आश्चर्यकित करने वाला है । उनके परिवार वालों को कोटिशः वन्दन ।

साथियों सम्बल संस्थान जिस स्थिति में आज है उसका क्षेत्र केवल रोजगार ही नहीं रह गया है, बल्कि स्वास्थ्य,शिक्षा,पानी,कौशल निर्माण तक विस्तृत हो गया है । अतएव सूर्यकान्ता जी के विधायक कोटे से हवेली में एक हाल का निर्माण भी करवाया गया । अब यह जोधपुर जिले में ही नहीं वरन् 8 जिलो तक विस्तार पा चुका है। सरकार से भी हमें सम्पूर्ण राजस्थान में काम करने की स्वीकृति पिछले 6 वर्षो से प्राप्त है ।

अंत मे उन भामाशाहो को धन्यवाद देना चाहूगी,जिन्होने हमें मुक्त हस्त से आर्थिक सहयोग प्रदान किया है तथा प्रतिवर्ष इस तरह का सहयोग कर मानवता की सेवा में अपना अपूर्व योगदान दे रहे है । मैं उन सभी सदस्य एवं भामाशाहो को विश्वास दिलाती हॅू कि आपने जिस विश्वास से सहयोग दिया उसे मेरे सहित सभी कार्यकारिणी के सदस्य तथा कर्मचारी बनाऐ रखेगें । मैं सम्बल की कार्यकर्ता परियोजना अधिकारी भवर कंवर की इस अवसर पर सराहना करना चाहूगी जिसने तन-मन एवं ईमानदारी से इस कार्य को गति देने में अपनी अहम भूमिका निभाई है तथा अन्य कर्मचारियों का सहयोग लेकर पारिवारिक वातावरण में इस कार्य को अंजाम दे रही है । आशा है इसी प्रकार इस पुनीत कार्य में सबका सहयोग सदा बना रहेगा ।