विभिन्न कौशल का प्रशिक्षण........
महिलाये सिलाई करके अपना जीविकोपार्जन कर सकती हेै,यह जानकर हमने सिलाई प्रशिक्षण सेन्टर खोलने प्रारम्भ किये । ये केन्द्र शहर तथा आसपास के गॉवों में भी खोलकर तीन महीने का प्रशिक्षण प्रारम्भ किया । फिर छः माह का कोर्स प्रारम्भ कर दिया । इन महिलाओं में से जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीन,कशीदा एवं पीकू मशीन संस्था द्वारा उपलब्ध करवाई । इसी तरह खिलौना बनाने का प्रशिक्षण,आरी-तारी का प्रशिक्षण भी प्रारम्भ किया। जब संस्था को हाथीराम के ओडे के भवन का स्वामित्व मिल गया तब वहा स्थायी रूप से सिलाई,बैग बनाने,आरी-तारी तथा ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण प्रारम्भ कर दिया गया ।
लघु व्यवसायिक प्रशिक्षण........
गांवों की महिलाओं की उत्सुक्ता को देखते हुए गॉवों में अचार,जैम,जैली,ज्यूस बनाने और साबुन,चिप्स,खिचिया,पापड,सोडा बनाने का प्रशिक्षण दिया जाने लगा । उम्मेद नगर सूरसागर आदि गांवो की महिलाओं ने इसमें बहुत रूचि दिखाई । इससे घर बैठे उपयोगी चीजो को बनाने से कमाई होने लगी ।
प्रचार-प्रसार (आई.ई.सी) कार्यक्रम रिपोर्ट
गांवों में शुद्ध पेयजल वितरण कार्यक्रम.......
जल है तो जीवन है । इस कार्यक्रम के तहत जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिक विभाग के सहयोग से 4 दिसम्बर 2010 तक बालेसर ब्लॉक के 77 गांव तथा लूणी ब्लाक के 103 गांव कुल 180 गांवो में वृहत परियोजना के तहत आई.ई.सी कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया । इस कार्यक्रम का उद्देश्य पानी के अपव्यय को रोकना,महिलाओं की सहभागिता को बढावा देना,गांव में जल प्रबन्ध उचित करना तथा व्यवस्था को मजबूत बनाना,जल शुल्क लागू करना और जन सहभागिता के सहयोग से स्वास्थ्य शिक्षा,स्वच्छता के प्रति लोगो को जागरूक करना है ।
इस कार्यक्रम के तहत ग्रामों में जल एवं स्वास्थ्य समितियों का गठन करना,ग्राम एवंज न स्वास्थ्य अभियान्त्रिक विभाग के बीच एग्रीमेन्ट कराना,गांवों की जनसंख्या का सर्वे करना,गांवो का नजरी नक्शा बनाना व गांवों में पानी की देखरेख के लिए केयरटेकर का चयन करना एवं उसको प्रशिक्षण देना ताकि पानी संबंधि समस्याओं को ग्राम स्तर पर सुधारा जा सकें ।
संस्था ने 2010 से 2015 तक जोधपुर के 180 गांव अजमेर के 112 गांव,सीकर के 36 गांव,जयपुर के 80 गांव,झालावाड के 44,कोटा के 20 गांव,और जैसलमेर के 106 गांवों में आई.ई.सी कार्यक्रम को फैला दिया । इस प्रकार 8 जिलों में कुल 704 गांवों में हम काम कर रहे है तथा कुछ गांवों में काम पूरे भी कर लिये हेै । इस कार्यक्रम के तहत संस्था गांवों में स्वास्थ्य सम्बन्धि कार्यक्रम भी कर रही है । गांवों में रात को चौपाल में जाकर नुक्कड नाटको के माध्यम से उनको स्वास्थ्य के बारे में समझाया भी जा रहा है ।
इसलिये गांव के लोग हमारे बुलाने पर दौड आते है उनको लगता है कि संस्था के सभी कर्मचारी निःस्वार्थ सेवा भावना से कार्य कर रहे है । ये कागजी कार्यवाही या दिखाने के लिये नहीं हमारा सहयोग करने आ रहे है ।